वजन बढ़ाने के तरीके

वजन बढ़ाने के तरीके – एक हफ्ते में मोटा होने के उपाय

जिस प्रकार मोटापे से पीड़ित लोग विभिन्न बिमारियों से ग्रस्त होकर परेशान रहते है। ठीक उसी तरह शारीरिक वजन का कम होना भी बिमारियों को निमंत्रण देने के बराबर है। इसके अलावा अत्यधिक मोटा व पतला होने पर आपका व्यक्तित्व भी आकर्षक नहीं लगता है।

व्यक्ति को जितना परिश्रम और समर्पण वजन/ मोटापा कम करने में लगता है। लगभग उतना ही प्रयास एवं लगन व्यक्ति को वजन बढ़ाने में लगता है। शारीरिक वजन/ मोटापा कम करने के घरेलु उपायों के बारें में हमने आपको पहले ही बता दिया है। इससे पहले की हम वजन बढ़ाने के तरीके को बताएं। आइए पहले ये जानते है कि दुबला व्यक्ति या अंडरवेट किसे कहते है।

कम वजन/ अंडरवेट होने का क्या मतलब होता है?

अगर किसी व्यक्ति का बॉडी मास्स इंडेक्स (बीएमआई) 18.5 से कम है। तो ऐसे व्यक्ति तो दुबला या अंडरवेट की संज्ञा दी जाती है। इसका मतलब ये है की आपके लम्बाई और वजन का अनुपात सही नहीं है। जिसकी वजह से आपको शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा भी नहीं है कि हर दुबला पतला व्यक्ति अंडरवेट हो। अगर आपका बीएमआई नियंत्रित है तो आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते है।

वजन घटने/ अंडरवेट होने के कारण?

वजन करने वाली मशीन

वजन बढ़ाने के तरीके से पहले जान ले की अगर एक सामन्य वजन के व्यक्ति का बहुत प्रयासों के बाद भी वजन का नहीं बढ़ना या फिर वजन में अचानक कमी आने लगती है तो इसके निम्न कारण हो सकते है।

टाइप-1 डायबिटीज के कारण

अनियंत्रित टाइप-1 डायबिटीज के कारण व्यक्ति के वजन में कमी आने लगती है।

तनाव के कारण

अधिकतर मामलों में अवसाद या तनाव व्यक्ति में वजन को बढ़ाते है। परन्तु कई बार अवसाद में आकर व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है और उसकी भूख में कमी आने लगती है। जिसकी वजह से उसका वजन घटने लगता है।

होर्मोनेस के कारण

कई बार एड्रीनल ग्लैंड्स अपर्याप्त मात्रा में हार्मोन का स्राव करते है। जिसके कारण व्यक्ति के वजन में कमी आने लगती है। यह एक प्रकार की बीमारी है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकती है। इसे हार्मोनल डिसऑर्डर या हॉर्मोस में विकार कहते है।

रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण

यह एक प्रकार का गठीय का रोग है। इसकी वजह से व्यक्ति का वजन घटने लगता है। यह बीमारी 30-50 वर्ष की महिलाओं में पाई जाती है। यह एक सूजनकारी बीमारी है, जिसमें शरीर की ऊर्जा अनियंत्रित हो जाती है। फलस्वरूप ग्रषित महिला का वजन घटने लगता है।

आंत्र रोग के कारण

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज यानि आंत्र रोग जिसमें आँतों में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से पेट में दर्द होने लगता है और व्यक्ति को भूख नहीं लगती है। परिणाम स्वरुप व्यक्ति का धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है। 

थायरॉइड की समस्या के कारण

थाइरोइड ग्रन्थि शरीर के बुनियादी चयापचय दर (बी एम आर) को नियंत्रित करती है। लेकिन हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉयड ग्रंथी अतिसक्रिय होकर अनियंत्रित हो जाती है। जिसकी वजह से शरीर की चयापचय क्रिया तेज हो जाती है। इसके कारण भी व्यक्ति का वजन कम होने लगता है। 

छोटी आंत की बीमारी के कारण

कुअवशोषण की स्थिति में छोटी आंत भोजन में मौजूद जरुरी पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती है। इस कारण व्यक्ति का वजन घटने लगता है।

वात दोष के कारण

क्या ऐसा हो सकता है कि आप अधिक भोजन करें और आपका वजन भी न बढ़े? जी हाँ, ऐसा होता है वात की वृद्धि के कारण। वात वृद्धि के कारण व्यक्ति की जठराग्नि तेज हो जाती है जिसके कारण व्यक्ति को अधिक भूख लगती है। अधिक भोजन के उपरांत भी उसका वजन बढ़ता नहीं अपितु कम ही होता है।

पेट में अल्सर के कारण

अल्सर होने पर व्यक्ति को पेट में तेज़ दर्द का अनुभव होता है। जिसकी वजह से व्यक्ति भोजन से परहेज करता है। सामान्य भोजन न करने की स्थिति में व्यक्ति का वजन घटने लगता है।

ट्यूबरक्लोसिस के कारण

टी.बी. एक संक्रामक रोग है, जिसमें व्यक्ति की भूख मर जाती है और चयापचय क्रिया भी सुस्त होने लगती है। जिसकी वजह से ग्रषित व्यक्ति का वजन बहुत तेज़ी से घटता है।

कैंसर के कारण

शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने के लिए बहुत ऊर्जा की जरुरत होती है। जिसकी पूर्ती के लिए कैंसर सेल्स शरीर में जमा वसा को गलाने लगते है। बीमारी के कारण व्यक्ति ठीक से भोजन भी नहीं कर पाता है। जिसका परिणाम उसका वजन तेज़ी से घटने लगता है।

अस्वस्थ खान-पान के कारण

जिन लोगों के भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी होती है। उनका वजन सामन्यतः कम ही रहता है। भोजन का मतलब सिर्फ पेट भरने से नहीं होता है। भोजान के माध्यम से शरीर को जरुरी पोषक तत्व मिलते है। ऐसा न होने की स्थिति में व्यक्ति अस्वस्थ होकर अपने वजन खोने लगता है।

कम वजन/ अंडरवेट होने के दुष्प्रभाव क्या है?

अंडरवेट होने के तो वैसे बहुत से दुष्परिणाम है। परन्तु उनमें से कुछ जरुरी दुष्प्रभावों को नीचे दिया गया है।

  • एक शोध ने इस बात को साबित किया है कि अंडरवेट होने पर जल्दी मरने की सम्भावना बढ़ जाती है। पुरुषों में यह सम्भावना 140% जबकि महिलाओं में 100% तक हो सकती है।
  • अंडरवेट होने पर व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। जिसकी वजह से व्यक्ति विभिन्न बिमारियों का घर हो जाता है।
  • कम वजन व्यक्ति का व्यक्तित्व भी आकर्षक नहीं रहता है।
  • कमजोर और दुबला होने की वजन से ऐसे व्यक्तियों में हीनभावना का प्रभाव हो जाता है।

जल्दी वजन बढ़ाने के तरीके

लोगों का मानना है की ज्यादा खाने से जल्दी वजन बढ़ने लगता है। लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। ज्यादा और असंतुलित भोजन करने से शरीर में वसा का निर्माण बढ़ जाता है। जिसकी वजह से आप मोटे दिखने लगते है। परन्तु इस तरह का मोटापा हानिकारक होता है।

मोटा होने के लिए आपकी मासंपेशियों का बढ़ना एवं सुदृढ़ होना जरुरी है। कड़े परिश्रम, अनुशासित दिनचर्या और संतुलित आहार के जरिये आप अपना वजन जल्दी बढ़ा सकते है। सुनियोजित तरीके से परिश्रम करने पर व्यक्ति 7 दिनों में 5-8 किलो वजन बढ़ा सकता है। परन्तु उसके लिए निम्न बातों का जरुर ध्यान रखें।

वजन बढ़ाने के लिए खाने में पोषक तत्वों को शामिल करें

वजन बढ़ाने के लिए आप स्टार्च युक्त सब्जियां, अंडे, लो-फैट डेरी उत्पाद, बीन्स, अंकुरित ग्रेन्स, नट्स आदि का सेवन करें। लेकिन साथ ही व्यक्ति को बर्गर, पिज़्ज़ा, फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड से दूरी बनानी चाहिए। क्यूंकि वजन बढ़ाने की प्रक्रिया में ली जाने वाली पौष्टिक आहार के साथ इनको खाने से आपका पाचन बिगड़ सकता है।

प्रोटीन युक्त खाना लें

हमारे शरीर में मांसपेशियों का निर्माण प्रोटीन की मदद से ही होता है। प्रोटीन की कमी होने पर अतिरिक्त वसा कैलोरी में बदल जाती है। इसीलिए वजन बढ़ाने के तरीके में उच्च प्रोटीन युक्त भोजन लिया जाता है। व्यक्ति को प्रति किलो वजन के हिसाब से 1.5 से 2 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। उच्च प्रोटीन युक्त खाने में मछली, अंडा, मांस, नट्स, डेरी उत्पाद आदि आते है।

खाने का समय और तरीक में परिवर्तन करें

वजन बढ़ाने के लिए व्यक्ति को दिन में कम से कम तीन बार भोजन करना चाहिए। भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स और फैट्स की मात्रा अधिक होनी चाहिए। अगर आपको मधुमेह की समस्या नहीं है तो आप खाने में मीठा भी जरूर लें। मीठा खाना वजन बढ़ाने में मदद करता है।

उच्च एनर्जी युक्त भोजन जैसे बादाम, अखरोट, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, उच्च वसा युक्त डेरी उत्पाद, आलू, डार्क चॉकलेट, पीनटबटर, कोकोनट मिल्क इत्यादि जरूर खाएं। खाने से पहले पानी नहीं पीना चाहिए। क्यूंकि इससे पेट भर जाता है और व्यक्ति से खाना कम खाया जाता है। खाने को अच्छे से चबा-चबाकर खाएं।

खाना जितना हो सके बड़ी थाली में खाएं। जिससे आप ज्यादा खाना एक साथ लेकर खा सकें। रात में सोने से पहले ज्यादा भोजन करें। प्रोटीन के लिए दूध का सेवन रोज करें। मांसपेशियों की वृद्धि के लिए अच्छी नींद लें।

उपरोक्त बातों का पालन करके आप अपना वजन जल्दी बढ़ा सकते है। इसके अलावा आप वजन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित घरलू उपायों को भी आजमा सकते है।

वजन बढ़ाने/ मोटा होने के घरेलु उपाय

वजन बढ़ाने के तरीके में प्राकृतिक तरीका सबसे कारगर है जैसे की

वजन बढ़ाने के लिए केला खाएं

केला वजन बढ़ाने में बहुत सहायक होता है। इसके लिए आप दिन में कम से कम तीन से चार केलें जरूर खाएं। केले को आप दूध और शहद के साथ भी ले सकते है। केले में मौजूद पोषक तत्व वजन बढ़ाने में सहायक होते है।

दूध और शहद का सेवन करें

रोज सुबह नाश्ते और रात को सोने से पहले शहद मिला एक गिलास दूध अवश्य पिए। इससे आपको वजन बढ़ाने में सहायत मिलेगी और आपकी पाचनशक्ति भी बढ़ेगी।

बादाम, खजूर और अंजीर खाएं

आप तीन से चार बादाम, एक खजूर और अंजीर को अच्छे से कूटकर एक गिलास दूध में डालकर अच्छे से उबाल लें। उबले हुए दूध को गुनगुना होने पर रोज़ रात को सोने से पहले पिएं। ऐसा नियमित करने से आपका वजन निश्चित ही बढ़ेगा।

दूध और ओट्स खाएं

वसायुक्त दूध में ओट्स डालकर खाएं। इसके अलावा वसायुक्त दूध में गेंहूँ का दलीय बनाकर भी खा सकते है। ऐसा करने से वजन में वृद्धि होती है।

वजन बढ़ाने के लिए बीन्स खाएं, सोयाबीन खाएं

सब्जी में बीन्स का प्रयोग अधिक से अधिक करें। बींद पौष्टिक होने के साथ-साथ वजन बढ़ाने में भी सहायक होती है।

मांसपेशियों के विकास के लिए रोज नाश्ते में सोयाबीन एवं अंकुरित अनाज खाएं। इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जोकि मांसपेशियों के विकास के लिए जरुरी होता है।

सेब और गाजर खाएं

छिलका सहित सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके दोपहर को भोजन के बाद खाएं। ऐस अनियमित करने से कुछ ही दिनों में आपका वजन बढ़ने लगेगा।

वजन बढ़ाने के लिए किशमिश खाएं

रात में सोने के चार से पांच घंटे पहले एक गिलास दूध में दस ग्राम किशमिश भिगोकर रख दें। सोने से पहले इस दूध को अच्छे से उबाल लें। गुनगुना होने पर दूध को पी लें एवं किशमिश खा लें। किशमिश शरीर को पुष्ट एवं वजन बढ़ाने का कार्य करती है और दूध से जरुरी प्रोटीन मिलता है।

वजन बढ़ाने के लिए जौ खाएं

कुटे हुए जौ की 60 ग्राम मात्रा को आधा लीटर दूध में मिलाकर खीर बना लें। सुबह नाश्ते के बाद इस इस खीर का सेवन करें। लगातार दो महीने तक ऐसा करने से दुबले से दुबले व्यक्ति का वजन बढ़ने लगेगा।

अगर आप लगन और समर्पित होकर उपर्लिखित उपायों का पालन करेंगें, तो निश्चित ही आपका वजन बढ़ने लगेगा। ऊपर बताये गए तरीके प्राकृतिक रूप से वजन बढ़ने में सहायक होते है। जिनका कोई पार्श्व प्रभाव नहीं पड़ता है। अगर आपको फायदा नहीं होगा तो शरीर पर दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। बस जरुरत है तो आपके समर्पण और दृढ़निश्चय की।

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