शास्त्रों और आयुर्वेद, दोनों में ही तुलसी के पौधे को घर में लगाने के कई असरकारक लाभ बताए गए हैं। धार्मिक ग्रंथों में तुलसी के पौधे को पूजनीय, पवित्र और साक्षात् देवी का दर्जा दिया गया है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में आमतौर पर तुलसी का पौधा लगभग हर घर के आंगन में देखा जाता है। तुलसी के पौधे में हमे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व देखने और सुनने को मिलते है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है, वहां उन्नति के साथ सुख-शांति और समृद्धि देखने को जरूर मिलती है। तुलसी वातावारण को शुद्ध और प्रदूषण रहित करने के साथ-साथ घर परिवार में आरोग्य की जड़ें को मजबूत बनाने में कारगर साबित हुई है और श्रद्धा भाव को भी जीवंत रखे है।
धार्मिक मान्यता है कि तुलसी की सेवा और आराधना से व्यक्ति स्वस्थ एवं सुखी रहता है उसे दुःख का मुँह कम देखने को मिलता है। तुलसी एक रोगनाशक पौधा है जिसमें विटामिन और खनिज अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से परिपूर्ण इस रोगनाशक पौधे को साक्षात् देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मानव के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी का आयुर्वेद में भी बड़ा महत्व है तुलसी में हर रोग को जाड से खत्म करने की अद्भुत क्षमता है , हमारे ऋषि मुनि वेद हकीम सभी ने तुलसी के प्रयोग से जटिल से जटिल रोगो को धराशायी करा है। तो चलिए आज आपको बताते है तुलसी के १० अचूक उपाय जिनको अपनाकर आप भी हो सकते है निरोगी और स्वस्थ।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए तुलसी के लाभकारी गुण – Tulsi Benefits
- तुलसी आपके आँखों के लिए बहुत ही अच्छी है अगर आँखों में जलन सूजन और पानी आ रहा है तो आप तुलसी के पत्तो का पानी अपनी आँखों को धुलने में भी इस्तेमाल कर सकते है। इससे आपकी आँखों की थकान काम होगी और यह आँखों के सभी समस्या का एक रामबाण इलाज़ है।
- इसके के पत्ते का लेप अगर आप चेहरे में लगते है तो आपका चेहरा चमक जाता है साथ ही चेहरे के कील मुहासे समय से पहले बुढ़ापा आना आदि के लिए बहुत ही लाभप्रद है, अगर रोज़ाना आप २ कप तुलसी की चाय पियेंगे तो आप खुद यह महसूस करेंगे की आपकी त्वचा में फर्क आया है।
- इसमें बहुत शक्तिशाली कीटाणुनाशक, कवकनाशी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं जो बुखार को दूर करने के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह मलेरिया के कारण होने वाले सामान्य संक्रमणों के कारण होने वाले किसी भी बुखार को ठीक करने की क्षमता रखता है। आयुर्वेद में यह सलाह दी गई है कि बुखार से पीड़ित व्यक्ति को तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। बुखार होने पर तुलसी के कुछ पत्तों को इलायची पाउडर के साथ आधा लीटर पानी में उबाल लें (तुलसी और इलायची पाउडर का अनुपात 1:0.3 होना चाहिए)। इसे इसकी कुल मात्रा का आधा करने दें। इस काढ़े को चीनी और दूध के साथ मिलाएं। हर दो से तीन घंटे में घूंट लें। यह उपाय बच्चों के लिए विशेष रूप से अच्छा है।
- यह बुखार के साथ सर्दी-जुकाम में भी फायदा पहुंचाती है। काली मिर्च और तुलसी को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाएं, इसमें मिश्री डालें। इसको पीने से सर्दी में राहत मिलती है। जुकाम होने पर तुलसी को पानी में उबाल कर भाप लेने से भी फायदा होता है।
- बालों के लिए बहुत ही लाभकारक है अगर आप भी रुसी, सफ़ेद बाल , जुए और बालो के झड़ने से परेशान है तो छोटा सा उपाय करे तुलसी के १५-२० पत्ते ले और इसे आप आंवला के साथ मिला कर लेप बना कर बालो में लगाए बाल धोने से पहले लगाने से आपको ज्यादा अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे बाल मुलायम होंगे और लम्बे घने होंगे।
- तुलसी के पत्ते चबाने से मुँह के छाले दांत के दर्द मुँह से दुर्गन्ध आने वाली समस्या से छुटकारा मिलता है, इसमें बैक्टीरिया वायरस से लड़ने की ताकत होती है। इसके लिए आपको २-३ पत्ते तुलसी के सुबह खाने होंगे या आप इसे खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते है।
- रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायता करती है (किडनी की पथरी का एक मुख्य कारण रक्त में ज्यादा यूरिक एसिड का होना है), तुलसी किडनी को साफ करने में मदद करता है, इसके लिए बस आपको ७-८ पत्ते तुलसी १ स्पून शहद में मिला कर खाना है ऐसा ६ महीने करने से किडनी स्टोन यूरिन के रस्ते बहार हो जायेगा।
- तुलसी में तनाव को काम करने की भी क्षमता है अगर आप एंग्जायटी स्ट्रेस से परेशान है तो रोज़ाना १२ पत्ते तुलसी खाये आपको हल्का महसूस होगा, यह स्ट्रेस बूस्टर के साथ साथ आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी सामान्य करती है जिससे स्ट्रेस के हार्मोन्स नहीं हावी होते।
- अगर आप लूज मोशन से परेशान हैं और आपको आराम नहीं मिल रहा तो तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लेना चाहिए, दिन भर में ४ ५ बार अगर इसको चाट कर ऊपर से पानी पी ले तो बेहद लाभ मिलेगा।
- आप कभी भी जलने ,छिलने , कटने, या चोट लग जाने पर तुलसी के पत्तों को फटकरी के साथ मिलाकर लगा लें तो वह घाव बेहद जल्दी और प्रभाव से ठीक होता है। तुलसी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं जोकि डिटॉल की तरह आपके घाव को पकने नहीं देते।