गर्मियों में पैरों के तलवों में जलन होना एक आम समस्या है और यह बीमारी किसी भी वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है। पैरों में जलन का मुख्य कारण तंत्रिका तंत्र में किसी तरह की कमी या रोग के कारण होता है। इसके अलावा यह समस्या कभी-कभी शुगर, शराब के अधिक उपयोग एवं विषैले पदार्थों के उपयोग के कारण भी हो सकती है। पैरों में जलन सामान्य अथवा बहुत तीव्र हो सकती है।
पैरों के तलवों में जलन क्यों होता है
लोगों के पैरों में जलन का मुख्य कारण तंत्रिका तंत्र में कमी या रोग होने के कारण होता है। तंत्रिका तंत्र क्षतिग्रस्त होने पर या तो अधिक सक्रिय हो जाती है या फिर बिल्कुल भी कार्य नहीं करती है। जिसके कारण दर्द न होने पर भी क्षतिग्रस्त तंत्रिकाएं मस्तिष्क को दर्द का सन्देश भेजती है। साथ ही क्षतिग्रस्त तंत्रिका के कारण लोगों को पैरों में झनझनाहट और सुन्न होने का भी अनुभव होता है।
इसके अलावा विटामिन बी, फोलिक एसिड, थाइमिन, कैल्शियम आदि की कमी के कारण भी पैरों में जलन हो सकती है। कीड़ों के काटने, डांक मारने आदि से भी पैरों में जलन होती है। साथ ही अगर व्यक्ति क्रोनिक किडनी के रोग, शुगर आदि से पीड़ित है तो भी वह पैरों में जलन का अनुभव कर सकता है। पैरों में जलन के अन्य कारण इस प्रकार है: –
- शराब का अत्यधिक सेवन करने के कारण।
- किसी कारणवश पैरों में रक्त प्रवाह में रूकावट होने या रक्त प्रवाह कम होने के कारण।
- उम्र अधिक होना।
- थायराइड हार्मोन के स्तर का कम होना।
- एचआईवी/ एड्स के कारण।
- एमाइलॉइड प्रोटीन के जमा होने के कारण पेरीफेरल तंत्रिकाओं में होने वाले रोगों के कारण।
- दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण।
- भरी धातु जैसेकि सीसा, पारा, आर्सेनिक आदि के सेवन के कारण।
- रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण।
- कोशिकाओं में होने वाली बीमारी सारकॉइडोसिस के कारण।
- संक्रमण के कारण भी पैरों में सूजन और जलन हो सकती है। यह स्थिति ज्यादातर खिलाडियों में देखने को मिलती है, जिनमे त्वचा में फंगस के कारण संक्रमण होना एक आम बात है।
- पेरीफेरल आर्टरी बीमारी के कारण भी पैरों में जलन हो सकती है। इस बीमारी के कारण पैरों में रक्त संचरण कम हो जाता है जिसकी वजह से पैर दर्द करने लगता है और पैरों में सूजन और जलन होने लगती है।
- गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी होने के बाद विटामिन बी के अवशोषण में कमी के कारण भी पैरों में जलन और सूजन हो सकती है।
इसके लक्षण क्या है
देखा गया है कि पैरों में जलन होने पर सूजन, लालिमा, अधिक पसीना आना, पैरों में दर्द, त्वचा में पीलापन, शारीरिक तापमान में वृद्धि आदि लक्षण दिखाई दे सकते है।
पैरों में जलन को ठीक करने का उपाय
तंत्रिकाविकृति या न्यूरोपैथी के कारण होने वाली पैरों की जलन का सबसे प्रभावी उपचार तंत्रिकाओं में होने वाली क्षति को रोकना है। कुछ परिस्थितियों में इस बीमारी का उपचार उसके कारणों का पता करके किया जाता है और कुछ परिस्थितियों में कारण का पता न चलने पर उसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इसका उपचार करते है।
इसके अलावा शुगर के कारण होने वाली जलन का उपचार रक्त सर्करा को नियंत्रिक करके किया जा सकता है। इसके लिए आम तौर पर खान-पान की आदतों में सुधार के साथ नियमित शुगर की दवाओं का सेवन और इन्सुलिन इंजेक्शन लेना शामिल है। इसके अलावा उपचार के अन्य उपाय इस प्रकार है: –
- विटामिन बी के कारण होने वाली जलन को अतिरिक्त विटामिन बी का सेवन या इंजेक्शन लगवाने से ठीक हो जाता है।
- शराब का सेवन रोकने से इसके कारण होने वाली जलन को नियन्त्रिक किया जा सकता है।
- क्रोनिक किडनी, थाइरॉइड, जीबीएस और सीआईडीपी आदि बिमारियों के कारण होने वाली जलन को रोकने के लिए सम्बंधित बिमारियों का उचित उपचार करना चाहिए।
- खिलाडियों के पैरों में होने वाली जलन को एंटीफंगल दवाओं के उपयोग से ठीक किया जा सकता है।
घरेलू उपाय
तंत्रिकाविकृति या न्यूरोपैथी और बिमारियों के कारण होने वाली जलन का उपचार तो सम्बंधित दवाओं के सेवन के उपरांत ही हो सकता है। परन्तु किसी अन्य कारण से होने वाली जलन को हम घरेलू उपायों के द्वारा ठीक कर सकते है। इसके अलावा ये उपाय बिमारियों के कारण होने वाली जलन में भी राहत प्रदान करते है। आप पैरों की जलन से छुटकारा पाने के लिए निम्न घरेलू उपायों को अपना सकते है: –
ठन्डे पानी का उपयोग
ठंडा पानी पैरों के जलन दूर करने का सबसे आसान घरेलू उपाय है। ठन्डे पानी के उपयोग से पैरों की जलन, सूजन और झनझनाहट से तुरंत आराम मिलता है। उपाय के लिए आप एक टब में ठंडा पानी भर लें। फिर इस पानी में कुछ समय के लिए अपने पैरों को डूबा कर बैठें। थोड़ी देर बात पैरों को बाहर निकल लें एवं दोबारा डुबाएं। इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहराएं। परन्तु ध्यान रखें बहुत अधिक समय तक पैरों को ठन्डे पानी में न डुबों के रखें। एवं बहुत अधिक ठन्डे पानी का भी उपयोग न करें। क्यूंकि ऐसा करने से समस्या कम होने के बजाए बढ़ सकती है।
हरी घास पर चलें
रोज सुबह बिना चप्पल के हरी घास पर चलने से पैरों में खून का संचार अच्छे से होता है। ऐसा नियमित करने से पैरों में होने जलन, दर्द और सूजन से राहत मिलती है।
पैरों में जलन दूर करने के लिए मालिश करें
मालिश के द्वारा पैरों में रुके हुए या बाधित रक्त संचार को बढ़ाने मदद मिलती है। मालिश के लिए नारियल या जैतून के तेल का उपयोग करें। अगर आपको मालिश का सही तरीका नहीं पता तो आप किसी पेशेवर की मदद ले सकते है। ऐसा नियमित करने से पैरों में रक्त संचार बढ़ता है और आपके पैरों में होने वाली जलन और सूजन से छुटकारा मिल जाता है।
सेब के सिरके का उपयोग
सेब का सिरका हमारे शरीर के पीएच स्तर को संतुलित करने का कार्य करता है और साथ ही पैरों में होने वाली जलन को भी दूर करता है। उपयोग के लिए आप एक से दो चम्मच कच्चे और फ़िल्टर नहीं किए गए सेब के सिरके को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर पिएं। ऐसा आप दिन में दो बार दोहराएं।
इसके अलावा आप एक टब हल्के गर्म पानी में दो बड़े चम्मच सेब का सिरका, समुद्री नमक या सेंधा नमक मिलाकर अपने पैरों को उस पानी में 20 मिनट तक डूबाकर रखें। ऐसा करने से भी आपको पैरों में होने वाली जलन और सूजन से राहत मिलेगी।
हल्दी से घरेलू उपाय
हल्दी के औषधिये गुण हमारी शरीर में रक्त संचरण में मदद करते है। इसके अलावा हल्दी में अनुत्तेजक गुण भी होते है जोकि पैरों में होने वाली जलन और दर्द को कम करते है। उपयोग के लिए एक गिलास गर्म पानी में दो चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। ऐसा दिन में दो बार दोहराएं। इसके अलावा आप हल्दी का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर दिन में एक से दो बार लगा सकते है। ऐसा करने से भी आपको पैरों की जलन से आराम मिलेगा।
सेंधा नमक का घरलू उपाय
सेंधा नमक नसों को ठीक करने पैरों की जलन, सूजन और दर्द को कम करने का कार्य करता है। उपयोग के लिए एक टब गर्म पानी में आधा कप सेंधा नमक डालकर अच्छे से मिला लें। फिर इस पानी में अपने पैरों को 10 से 15 मिनट तक भिगों कर रखें। ऐसा दिन में एक बार करें। यह विधि शुगर, हाई ब्लडप्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के उपयुक्त नहीं है। इसलिए ऐसे लोग इस विधि का उपयोग न करें। अगर फिर भी यह उपाय करना चाहते है तो पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें।
अदरक या अदरक मिली चाय पिएं
अदरक शरीर में खून के प्रवाह को बढाकर पैरों की जलन कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप रोजाना अदरक का एक टुकड़ा खा सकते है या फिर दिन में दो से तीन बार अदरक मिली चाय पिएं। इसके अलावा आप नारियल या जैतून के तेल में अदरक का रस मिलाकर हल्का गुनगुना कर लें। फिर इस तैयार मिश्रण से प्रभावित जगह पर मालिश करें। रोजाना ऐसा करने से जलन में राहत मिलती है।
मेंहदी का उपयोग पैरो को ठंडक देती है
मेंहदी काफी ठंडक देती है। उपयोग के लिए आप जरूरतानुसार मेंहदी को नींबू व सिरके के रस के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। फिर इस तैयार मिश्रण को अपने पैरों के तलवों पर लगाएं। कुछ दिन तक ऐसा करने से आपको पैरों की जलन और दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
वैसे तो पैरों की जलन एक सामान्य बीमारी है जिसका घरेलू उपायों के द्वारा आसानी से उपचार किया जा सकता है। लेकिन यदि आपको घरेलू उपायों से कोई लाभ न मिले तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकते है। पैरों की जलन, सूजन या फिर दर्द के लिए डॉक्टर के परामर्श के बिना दवाइयां न खाएं।