‘बोलने की स्वतंत्रता’ सभी भारतियों का मौलिक अधिकार है। परन्तु बॉलीवुड द्वारा इस अधिकार के तहत हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाना कहाँ तक उचित है? आजतक बॉलीवुड और विज्ञापन कम्पनी ने अनेको बार हिंदू धर्म को निशाना बनाया और कई मौकों पर इसे बदनाम किया है।
अगर आप बॉलीवुड फिल्मों के शौक़ीन है, तो शायद आप बता पाएंगे कि आखिरी बार आपने फिल्मों में कब देखा एक धर्मनिष्ठ हिंदू पुजारी को किसी के प्रति दयालुता दिखाते, या एक अनाथ बच्चे का पालन-पोषण करते या बस कोई अच्छा कार्य करते दिखाया गया है। आप याद नहीं कर पाएंगे। क्या कोई हिंदू पुजारी या ब्राह्मण या साधु कभी महान, धर्मी और परोपकारी नहीं हो सकता? यह कैसे संभव है कि इतने बड़े समुदाय के बीच बॉलीवुड फिल्म निर्माता ऐसे एक भी किरदार की कल्पना नहीं कर सकते?
वहीँ यदि किरदार मुस्लिम या ईसाई है, तो वह बहुत धार्मिक, ईमानदार, सभ्य, सबकी मदद करने वाला, बहादुर और बहुत नेक दिल व्यक्ति के रूप में दिखाया जाता है। हिन्दुओं के साथ ऐसा दोगला व्यवहार क्यों? बॉलीवुड हमेशा धर्मिक और संस्कारी हिन्दू को अंधभक्त, बेवक़ूफ़, नकली बाबा के अंधभक्त, सभी महिलाओं के लिए गंदे विचार रखने वाले या फिर गैंगस्टर या अपराधी की भूमिका में दिखाते या दिखाने की कोशिश करते है।
इसके अलावा समय-समय पर हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने से भी नहीं चूकते है। फिल्मों की कहानी, उनके किरदार के नाम, अश्लील गानों, संवादों आदि के जरिए हिन्दू देवी-देवताओं की छवि ख़राब करने की लगातार कोशिश करते रहते है। इस बात को गहराई से समझाने के लिए बॉलीवुड की ऐसी ही कुछ गन्दी कोशिशों का यहाँ उल्लेख किया गया है।
Arrest Leena Manimekalai – डॉक्यूमेंट्री फिल्म – काली
मदुरै में जन्मी डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) ने शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर “काली” का पोस्टर साझा किया और कहा कि यह फिल्म टोरंटो में आगा खान संग्रहालय में ‘रिदम्स ऑफ कनाडा’ सेगमेंट का हिस्सा है। फिल्म निर्माता ने अपने पोस्टर में एक महिला को देवी काली के रूप में कपड़े पहने धूम्रपान करते और पृष्ठभूमि में एलजीबीटी झंडा दिखाया है।
हिन्दू भावनाओं का इस तरह अपमान और आहत करने के बाद फिल्म निर्माता ने बयान दिया कि “फिल्म एक शाम टोरंटो शहर की सड़कों पर काली के टहलने के दौरान की घटनाओं के बारे में है।“ क्यों इनको किसी और धर्म के देवी-देवता नहीं मिले सड़कों पर घूमाने के लिए? क्या सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसा करना जरुरी है?
ऐसा नहीं है की ये पहली बार हुआ है। हर बार बॉलीवुड को सिर्फ एक ही धर्म मिलता है।
अमेज़न प्राइम वेब सीरीज – तांडव
अमेज़न प्राइम वीडियो की का सबसे बहुप्रतीक्षित भारतीय वेब श्रृंखला ‘तांडव’ अपने 15 जनवरी के रिलीज़ के साथ ही विवादों से घिर गई थी। तांडव पर हिन्दू दर्शकों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है, विशेष रूप से इसके सबसे विवादास्पद दृश्य के साथ, जिसमें मोहम्मद जीशान अय्यूब कॉलेज प्ले परफॉर्म करते हैं, जिन्होंने भगवान शिव के रूप में पैंटसूट पहने, ‘डमरू’ पकड़ कर मंच पर अपशब्दों का प्रयोग करते दिखाया गया है।
कई पुलिस शिकायतों के बाद, निर्माताओं ने अनजाने में लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगते हुए एक बयान जारी किया और ‘समस्याग्रस्त’ दृश्यों को काटने के लिए सहमत हुए।
नेटफ्लिक्स फिल्म – लूडो
हाल ही में नेटफ्लिक्स फिल्म लूडो और इसके निर्देशक अनुराग बसु को हिन्दुओं के गुस्से का सामना करना पड़ा और उन पर फिल्म में ‘हिंदूफोबिक’ सामग्री को बढ़ावा देने और हिंदू देवताओं को ‘बदनाम’ करने का आरोप लगाया गया।
इस फिल्म के विवादास्पद रामलीला दृश्य में राजकुमार को रावण की बहन सूर्पनखा के रूप में दिखाया गया है। जब उसका सामना भगवान राम से होता है। अभिनेता सवादों का उच्चारण करता है, “हे सुंदर नर, मैं तेरी दीवानी हूं, तू मेरा बाजीराव, मैं तेरी मस्तानी हूं,” इसके बाद अपशब्द बोलता है। रामलीला के दृश्य में अपशब्द का प्रयोग हिन्दू भावनाओं को आहत करती है।
नेटफ्लिक्स वेब सीरीज – ए सूटेबल बॉय
इस वेब सीरीज के एक ही एपिसोड में तीन बार, एक मंदिर के अंदर एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के के बीच चुंबन दृश्य दिखाया गया है। अगर पटकथा के अनुसार मुस्लिम युवक को हिंदू महिला प्रेम करती है, पर सभी चुम्बन दृश्य मंदिर प्रांगण में क्यों दर्शया गया? इस श्रृंखला के लिए नेटफ्लिक्स के खिलाफ मप्र पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
बॉलीवुड फिल्म – लव पर स्क्वायर फुट
बॉलीवुड फिल्म, लव पर स्क्वायर फुट, में अभिनीत-अभिनेत्री के बीच ट्रैन में रोमांस दर्शाया गया है। बेशर्मी से सार्वजनिक जगह पर लड़की का चुम्मन लेते हुए लड़का कहता है, “रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर पप्पी ना जाए।”
इस पंक्ति का इस दृश्य में उपयोग करने का क्या अर्थ है? ये दो पंक्तियाँ रघुकुल की प्रसन्नता का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसे आज भी भगवान राम के परिवार का गौरव माना जाता है। उन्होंने अपने वादे को पूरा करने के लिए कुछ भी करने की कसम खाई थी। और बॉलीवुड के सस्ते निर्देशक इसकी तुलना एक चुम्मा से करते है? क्यों? क्या इस सस्ते संवाद के बिना लड़की अभिनेता को चुम्मा नहीं करने देती?
बॉलीवुड फिल्म – लक्ष्मी
लक्ष्मी फिल्म का मूल शीर्षक, लक्ष्मी बम, पर हिन्दू संगठनों ने ‘बम’ जैसे ‘अपमानजनक’ शब्द को हिंदू देवी के नाम से जोड़े जाने पर जमकर विरोध किया था। नतीजतन, निर्माताओं ने नाम बदलकर लक्ष्मी कर दिया।
बॉलीवुड फिल्म – ओह माय गॉड
“ओह माई गॉड” फिल्म की स्क्रीनिंग को जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, नवांशहर, होशियारपुर और पंजाब के कई अन्य स्थानों में विरोध के बाद रोक दिया गया था। इस फिल्म में हिंदू देवताओं के के लिए अपमानजनक संदर्भ दिए गए हैं।
बॉलीवुड फिल्म – पी.के.
फिल्म पी.के. का हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिपण्णी और भगवान शिव के दर्शाये गए दृश्यों को लेकर, हिन्दू संगठनों द्वारा बहुत विरोध किया गया। सर्वोच्च न्यालय में इसके प्रतिबन्ध के लिए मुकदमा भी चला, पर हिन्दू गुटों को कामयाबी नहीं मिली।
नेटफ्लिक्स वेब सीरीज – लीला
लीला दीपा मेहता के डायस्टोपियन ड्रामा ‘लीला’ पर हिंदू समुदाय के खिलाफ “नफरत फैलाने” का आरोप लगाया गया है। लीला की कहानी कुछ इस प्रकार है:-
कहानी, प्रतीकात्मक रूप से, 2047 में भारत की आजादी के 100 साल बाद की है। जिसमें अब भारत का अस्तित्व नहीं है। इसके बजाय, हमारे पास सिर्फ तीन साल पुराना एक नया फासीवादी देश ‘आर्यावर्त’ है। राष्ट्रपिता अब महात्मा गांधी नहीं रहे, सूट-बूट वाले युवा नेता श्री जोशी हैं। शो में प्रतीकात्मकता यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त है कि यह मुख्य रूप से एक हिंदू राष्ट्र है। देश के भौगोलिक विस्तार का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन यह निश्चित रूप से आज के भारत जितना बड़ा नहीं है। पानी की कमी है और बहुत ऊंची-ऊंची दीवारें अमीर और गरीब को विभाजित करती हैं। मलिन बस्तियों में रहने वालों को दोश कहा जाता है; यह मान लेना सही है कि वे निचली जाति के हैं। अमीर और दबंग उच्च जाति के हिंदू हैं। इस शो की शुरुआत एक मुस्लिम व्यक्ति की हत्या के साथ होता है, लेकिन इस समुदाय के बारे में शो में पर्याप्त नहीं बताया गया है।
इस शो के जरिए हिन्दुओं को क्रूर और अत्याचारी दिखाने की कोशिश की गई है, जिन्होंने भारत की जगह एक नए राष्ट्र “आर्यव्रत” का निर्माण कर लिया है।
निष्कर्ष
इसके अलावा 102 नॉट आउट, हिचकी, बाजिराओ-मस्तानी, जोधा-अकबर, केदारनाथ, धर्म खतरे में, दंगल, दीवार, अमर अकबर अन्थोनी, गाइड, पातळ लोक, सेक्रेड गेम्स भाग 2 आदि अनगिनत फ़िल्में और वेब सीरीज है जोकि हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने या हिन्दुओं को निम्न दिखाने का प्रयास करती है। ऐसी फिल्मों का आना तबतक बंद नहीं होगा, जबतक हम इनका आर्थिक बहिष्कार नहीं करते है। अगर आपको भी किसी ऐसी फिल्म या वेब सीरीज की जानकारी है, तो हमसे जरूर साझा करें। हम उस फिल्म की जानकारी इस लेख में जरूर जोडेंगें।