आज के वक़्त में पूरी दुनिया इंटरनेट के माध्यम से आपस में जुडी हुई है। ऐसे में अपने साइबर क्राइम के बारे में जरूर सुना होगा और कई ऐसे केसेस देखे भी होंगे, और साइबर सुरक्षा के बारे में भी जरूर सुना होगा। आज के समय में साइबर सिक्योरिटी बहुत ही जरुरी है , जैसे आप सभी जानते है की आज के वक़्त में यूजर अपनी पर्सनल डाटा कई तरह के डिवाइस, सॉफ्टवेयर और अलग अलग तरह से शेयर करते है, लेकिन यह सिक्योर माध्यम है इसकी कोई भी गारंटी तो है नहीं। तो आज इसी में बात करेंगे की आखिर साइबर क्राइम क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
साइबर सिक्योरिटी क्या है ?
साइबर सिक्योरिटी को हम कंप्यूटर , डिवाइस , सिक्योरिटी और इंफोमशन टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी के नाम से बहुत ही अच्छे तरह से जानते है। इसके द्वारा डाटा , कंप्यूटर , लैपटॉप , मोबाइल , सॉफ्टवेयर को हम हैक होने से बचा सकते है। साइबर सिक्योरिटी में हम कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर में रखी किसी भी डाटा को सिक्योर और प्राइवेसी रखने का प्रयास करता है। यह डाटा को चोरी, नुक्सान , के साथ साथ उसके द्वारा किसी भी तरह के विघटन या गलत पहचान करके आपके डिवाइस और कंप्यूटर की जानकारी की भी हिफ़ाज़ात करता है।
साइबर सिक्योरिटी का मतलब है की जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते है तो कई तरह के खतरे में आप होते है जो आप जानते भी नहीं होते कई हैकर्स आपके डिवाइस , कंप्यूटर तक पहुंच सकते है जो आपके डाटा को चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल कर सकते है। इन सभी चीज़ो को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी का इस्तेमाल किया जाता है।
साइबर सुरक्षा डिजिटल हमलों से कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, नेटवर्क और डेटा का बचाव करने का एक प्रयास है।
साइबर सुरक्षा में डाटा सुरक्षित रखने के लिए अलग अलग तत्वों (elements) का संयोजन होता है , साइबर में सुरक्षा अलग अलग परतों द्वारा नेटवर्क को अधिक से अधिक सुरक्षा प्रदान की जाती है . Cyber Security एक काफी महत्वपूर्ण विषय है जिसके निम्न प्रकार (Types) होते है।
- नेटवर्क सुरक्षा (Network security) – इसमें नेटवर्क की Incoming और Outgoing ट्रैफिक मतलब नेटवर्क से आने जाने वाली ट्रैफिक को कंट्रोल तथा मैनेज किया जाता है जिसमे नेटवर्क में आने वाले अटैक्स (attacks) और थ्रेट्स (threats) को रोका जाता है इस सुरक्षा को आप नेटवर्क की पहली परत भी कह सकते है ।
- एप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security) इसमें सॉफ्टवेयर और Devices को Threats से बचाने अभ्यास किया जाता है , जितनी भी ऍप्लिकेशन्स है जो नेटवर्क में उपयोग होती है उनके development और installation को ध्यान में रखा जाता है . Application Security में Applications को विकास (development ) करने के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जाता है और इंस्टालेशन दौरान भी इस चीज का विशेष ध्यान रखा जाता है ।
- ईमेल सुरक्षा (Email Security) ईमेल को सुरक्षित रखने के लिए और ईमेल से होने वाले अटैक्स से बचने के लिए कई प्रकार के Email Security Devices तथा Software’s का इस्तेमाल किया जाता है ।
- नेटवर्क एक्सेस कंट्रोल (Network Access Control) यह किसी भी यूजर को नेटवर्क से जुड़ते समय की काफी सुरक्षित प्रक्रिया होती है जिसमे Users के Roles के अनुसार नेटवर्क में जुड़ने के लिए कुछ पॉलिसी बना दी जाती है जिस कारण कोई भी अन्य यूजर नेटवर्क से नहीं जुड़ सकता क्योंकि यहाँ पर नेटवर्क से जुड़ने के अधिकारों को सिमित कर दिया जाता है।
- डाटा लॉस प्रिवेंशन (Data Loss Prevention) इस प्रक्रिया में डाटा को सुरक्षित रखा जाता है और एनकोड किया जाता है जिससे किसी भी प्रकार से डाटा चोरी या लीक ना हो पाएं ।
साइबर हमले से खुद को कैसे बचाएं ?
जैसा की हम सबको पता है की आजकल इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का यूज़ काफी ज्यादा बढ़ चूका है इसलिए साइबर हमले के मामले भी दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है , इंटरनेट पर कुछ अच्छे लोग है कुछ बुरे लोग भी है जो अक्सर यूजर के डाटा को चुराने और उनके सिस्टम्स को डैमेज करने के बारे में सोचते है ।
अटैकर्स (Attackers) ज्यादातर उन लोगों को अपना शिकार बनाते है जो जिनके पास ज्यादा टेक्निकल ज्ञान और साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकरी नहीं होती है ।
जो लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते समय कोई भी सावधानी नहीं रखते और किसी भी फर्जी SMS और फर्जी Websites पर आसानी से विश्वास कर लेते है या किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा कर लेते है और अपनी निजी जानकारियां शेयर कर देते है जैसे अपना Paasword , OTP, DOB , डिटेल्स ऐसे लोग अक्सर साइबर हमले का शिकार बन जाते है।
Cyber Attacks से बचने के लिए आप यहां पर हम जो साइबर सुरक्षा टिप्स (Cyber Security Tips) बताने जा रहे है उन्हें फॉलो कर सकते है।
1. सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें-
आप जो भी Software’s अपने सिस्टम में इस्तेमाल करते है उन सभी Software’s को हमेशा लेटेस्ट अपडेट करें और आपका सिस्टम जिस भी OS (Operating System) पर काम कर रहा है उसे भी अपडेट करके लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल करें । जब भी किसी सॉफ्टवेयर का लेटेस्ट वर्जन आता है तो उसके पुराने वर्जन को हैकर्स द्वारा हैक किया जा सकता है इसलिए आपके सिस्टम पर इनस्टॉल सभी Software’s और ऑपरेटिंग सिस्टम्स को अपडेट करते रहें ।
2. Anti Virus सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें –
अपने सिस्टम में हमेशा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल जरूर करे . एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम में वायरस को आने से रोकता है और फेक insecure Websites और प्रोग्राम्स को भी ब्लॉक कर देता है . एंटीवायरस आपके सिस्टम में मौजूद वायरस को हटा भी देता है और आपके सिस्टम की सुरक्षा का दायरा भी बढ़ा देता है ।
3. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें –
लॉगिन सिस्टम्स में हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करे। पासवर्ड ऐसा रखें जिसका कोई भी guess ना कर सके , अपने पासवर्ड को हमेशा ख़ुफ़िया रखें और किसी को ना बताएं , पासवर्ड बनाते समय उसमे अपने नाम , जन्म की तारीख , मोबाइल नंबर जैसी चीजों का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें क्योंकि ऐसे पासवर्ड को डिकोड करना आसान होता है . स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाने के लिए उसमे Special Characters , Symbols , Letters , Numbers का कॉम्बिनेशन बनायें और अपने पासवर्ड को थोड़े दिनों के बाद बदलते रहें।
4 अज्ञात (unknown) e- mail अटैचमेंट को न खोलें –
किसी अज्ञात (unknown) e-mail से आयी e-mail अटैचमेंट को कभी भी ना खोलें क्योंकि इसमें वायरस भी हो सकता है और यह साइबर अपराधियों द्वारा आपका डाटा चुराने की एक साजिश भी हो सकती है।
5. अज्ञात e-mail में लिंक पर click न करें –
इंटरनेट Users को कई बार ऐसे fake mail जरूर आते है जिसमे लिखा होता है की आपकी लोटरी लगी है या किसी बैंक के नाम से fake mail आते है जो आपको पैसो का लालच देते है और कई बार नौकरी के भी fake emails आते है ऐसे e-mails में आपको निचे एक वेबसाइट का लिंक दिया होता है जो की एक Fake website हो सकती है यह एक वायरस हो सकता है इसलिए आपको किसी भी अनजान e-mail की links को ओपन नहीं करना चाहिए ।
6. Insecure WIFI नेटवर्क का इस्तेमाल ना करें –
कई बार public place पर फ्री का WIFI मौजूद होता है लेकिन ऐसे WIFI networks insecure हो सकते है इससे आप man-in-the-middle attack का शिकार बन सकते है ।