Covid-19 महामारी ने लगभग सभी को निराशा के अन्धकार में धकेल दिया था। परन्तु डॉक्टरों एवं शोधकर्ताओं के संयुक्त प्रयास से कोरोना वायरस पर प्रभावी वैक्सीन की खोज कर ली गई है। भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सभी राज्य अपने नागरिकों के लिए टीकाकरण अभियान चला रहे है और कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है। जिसका लाभ लेते हुए बहुत से नागरिकों ने टीका लगवा भी लिया है।
भारत में कोविडशील्ड एवं कोवाक्सिन टीकों को ज्यादा लगाया जा रहा है। कोरोना वायरस का टीका 18 वर्ष या इससे बड़े उम्र के लोगों के लिए ही उपलब्ध है। बच्चों के लिए टीके पर अभी जरुरी परिक्षण किये जा रहे है। प्रभावशीलता के लिए टीके की दो खुराक लेनी पड़ती है। प्रत्येक खुराक के बाद व्यक्ति को टीका लगवाने का प्रमाणपत्र दिया जाता है। टीकाकरण के जरिए ही देश को कोरोना महामारी से मुक्ति मिल सकती है।
कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट/टीकाकरण प्रमाणपत्र क्या है ?
कोरोना वायरस टीका लगवाने के बाद आपको एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र आपको प्रत्यक्ष न देकर आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सन्देश के रूप में भेजा जाता है। सन्देश में आपको प्रमाणपत्र डाउनलोड करने का लिंक दिया होता है। जिसपर जाके आप अपना कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते है। इस प्रमाणपत्र पर निम्लिखित विवरण दर्ज किए होते है।
- लाभार्थी का नाम
- उम्र
- लिंग
- सत्यापित पहचान पत्र का नाम
- लाभार्थी संदर्भ आईडी
- कोरोना वैक्सीन का नाम
- पहली खुराक की तिथि और वैक्सीन का बैच नंबर
- दूसरी खुराक लेने की संभावित तिथि
- टीका लगाने वाले डॉक्टर/ नर्स का नाम
- टीकाकरण केंद्र का नाम और स्थान
इस प्रमाणपत्र को देखकर ही सही दूसरी खुराक लगाई जाती है। इसी प्रकार दूसरी खुराक लेने पर प्रमाणपत्र दिया जाता है। जिसपर इसी प्रकार की जानकारी दी गई होती है।
कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट/टीकाकरण प्रमाणपत्र क्यों जरुरी है ?
कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण है कि आपने कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा लिया है। साथ ही पहली खुराक और दूसरी खुराक में 45 से 60 दिनों का अंतर होता है। लम्बे अंतराल के कारण इस बात की काफी संभावना है, कि आप भूल जाएं कि आपने पहले कौन सा टीका लिया है। ऐसे में दूसरी खुराक के समय आप गलत टीका लगवा सकते है। जिसके कारण आप दुष्प्रभाव का शिकार हो सकते है। प्रमाणपत्र के जरिए सही टीके का पता चलता है।
कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट/टीकाकरण प्रमाणपत्र की उपयोगिता क्या है ?
टीकाकरण प्रमाणपत्र का उपयोग हम कई प्रकार से कर सकते है। जैसेकि: –
- इस प्रमाणपत्र को दिखाकर हम हॉस्पिटल में बिना कोरोना जांच के अपना उपचार करा सकते है।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकते है।
- रेल में यात्रा कोविड प्रमाणपत्र होने पर ही कर सकते है।
- देश के राज्यों के बीच आसानी से यात्रा कर सकते है।
- प्रमाणपत्र को पासपोर्ट में दर्ज कराकर आप आसानी से विदेश यात्रा कर सकते है। ऐसे में आपको अपने देश या विदेश में कोरोना जांच नहीं करानी पड़ेगी।
- अगर आपके पास कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र है, तो आप किसी भी नौकरी के साक्षात्कार में हिस्सा ले सकते है। जिसके लिए पहले आपको नेगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट दिखानी पड़ती थी।
- मेडिकल क्लेम में भी यह प्रमाणपत्र उपयोगी है।
कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र/ वैक्सीन सर्टिफिकेट कब मिलता है?
कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए आपको पंजीकरण करना होता है। आप वैक्सीन लगवाने का दिन और समय अपनी सुविधा अनुसार चुन सकते है। पंजीकरण में दिए गए समय और दिन के अनुसार आपको कोरोना वैक्सीन केंद्र पर जाना पड़ता है। टीकाकरण के उपरांत वैक्सीन केंद्र टीकाकरण जानकारी सरकारी पोर्टल पर दर्ज करता है।
जानकारी दर्ज होने से कुछ समय उपरांत आपको अपने पंजीकृत मोबाइल पर एक सन्देश प्राप्त होता है। उसी सन्देश में टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड करने का लिंक दिया गया होता है। जहाँ से आप अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है। इस तरह हम कह सकते है कि टीककरण के तुरंत बाद ही कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है।
कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र किसको मिलता है?
यह प्रमाणपत्र उन सभी लोगों को मिलता है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लगवा लिया है। इसके अलावा यह प्रमाणपत्र दूसरी खुराक लेने के बाद भी दिया जाता है।
कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त करें?
टीकाकरण प्रमाणपत्र पाने के लिए आपको किसी सरकारी दफ़्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह प्रमाणपत्र सीधा आपके मोबाइल फ़ोन पर उपलब्ध कराया जाता है। टीकाकरण के कुछ समय बाद ही सन्देश के जरिए यह सर्टिफिकेट आपको भेज दिया जाता है। अगर आपको टीकाकरण प्रमाणपत्र से सम्बंधित कोई सन्देश नहीं मिलता है, तो चिंता करने की जरुरत नहीं है। आप अपना प्रमाणपत्र आरोग्य सेतु या फिर कोविन मोबाइल एप पर जाकर भी डाउनलोड कर सकते है।
कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट/टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड कैसे करें?
टीकाकरण प्रमाणपत्र को कई तरीकों से डाउनलोड किया जा सकता है। डाउनलोड करने के तरीकों के बारें में नीचे बताया गया है।
एसएमएस के जरिए
टीकाकरण के कुछ समय के बाद आपके मोबाइल पर एक एसएमएस भेजा जाता है। उस एसएमएस में टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड करने का लिंक दिया होता है। उस लिंक पर जाकर आप अपना कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है। यह प्रमाणपत्र पीडीएफ प्रारूप में आपके मोबाइल में सुरक्षित हो जाएगा। जिसका उपयोग आप जरुरत के अनुसार कर सकते है।
लाभार्थी सन्दर्भ आईडी का उपयोग करके
कोरोना वैक्सीन पंजीकरण के दौरान आपको लाभार्थी सन्दर्भ आईडी उपलब्ध कराई जाती है। इस आईडी का उपयोग करके आप आरोग्य सेतु या कोविन एप पर जाके अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते है।
आधार संख्या का उपयोग करके
कोविड टीकाकरण के पंजीकरण के दौरान आपका आधार या कोई आधिकारिक पहचान पत्र लिंक कराया जाता है। अगर आपने पंजीकरण में अपना आधार लिंक कराया है, तो आप आधार संख्या का उपयोग करके आसानी से अपना प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते है।
मोबाइल नंबर का उपयोग करके
पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके भी आप अपना कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है। आरोग्य सेतु या कोविन एप पर पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करने के उपरांत एक ओटीपी आता है। इस ओटीपी को दर्ज करने के बाद आपका सर्टिफिकेट खुल जायेगा। जिसको आप पीडीएफ प्रारूप में सुरक्षित कर सकते है।
वैकल्पिक मोबाइल नंबर के जरिए
अगर आपने पंजीकरण के दौरान कोई वैकल्पिक मोबाइल नंबर दर्ज किया है, तो आप उसका उपयोग करके भी अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते है। इसके लिए आपके पास उस वैकल्पिक नंबर का होना जरुरी है। क्यूंकि डाउनलोड करते समय इस नंबर पर ओटीपी आएगी, जिसे आपको एप में दर्ज करना पड़ेगा।
लाभार्थी सन्दर्भ आईडी के बिना कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट/टीकाकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड कैसे करें?
यदि आपने पंजीकरण के दौरान दिए गए लाभार्थी सन्दर्भ आईडी को खो दिया है, तो घबराने की कोई जरुरत नहीं है। आप पंजीकृत मोबाइल नंबर, आधार संख्या या वैकल्पिक मोबाइल नंबर का उपयोग करके भी अपना टीकाकरण प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते है। डाउनलोड करने के लिए ऊपर बताई गई प्रक्रिया का अनुसरण करें।
जरुरी सुझाव
कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र बहुत जरुरी है। इस प्रमाणपत्र के मिलने के बाद इसको बहुत संभाल कर रखें। आने वाले समय में यह प्रमाणपत्र किसी भी सुविधा जैसेकि हॉस्पिटल, रेल यात्रा, सार्वजनिक परिवहन, नौकरी, कॉलेज आदि के लिए दिखाना पड़ सकता है। टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ न होने की स्थिति में आपको इन सुविधाओं के उपयोग से वंचित किया जा सकता है। या फिर आपको बार बार कोरोना जांच करनी पड़ सकती है।
यह प्रमाणपत्र एक तरह से लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के रूप में भी देखा जा सकता है। क्यूंकि जितनी जल्दी हम सभी टीका लगवा लेंगे उतनी जल्दी हमारा देश इस महामारी से मुक्त हो पाएगा। अपने परिवार और अपनी सुरक्षा के लिए कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं।