करियर विकल्प के रूप में विज्ञान से स्नातक करना एक अच्छा चुनाव है। बीएससी में छात्रों को विज्ञान के विषयों की जानकारी दी जाती है। आज विश्व में विज्ञान के क्षेत्र में बहुत उन्नति हो रही है। बीएससी के बाद छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के बहुत से शानदार विकल्प मौजूद है।
बीएससी से स्नातक छात्रों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में रोजगार के बहुत से अवसर उपलब्ध है। भारत सरकार रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षेत्र में रुचि रखने वाले बीएससी के छात्रों को बहुत ही आकर्षक स्कॉलरशिप भी देती है। बीएससी के छात्र इस क्षेत्र में अपना बहुत ही बढ़िया और शानदार करियर बना सकते है।
अधिकतर छात्र बीएससी करने से पहले ही अपने करियर की दिशा निर्धारित कर लेते है। परन्तु कुछ छात्र अपने करियर के चुनाव को लेकर भ्रमित रहते है। ऐसे छात्रों के करियर मार्गदर्शन के लिए हमने इस लेख में जरुरी जानकारियां दी है।
बीएससी के बाद करियर विकल्प
बहुत से छात्र 12वीं के बाद करियर विकल्प के रूप में विज्ञान से स्नातक करने का निर्णय लेते है। भारत में विज्ञान विषय से स्नातक करने को बहुत ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। बीएससी के बाद छात्रों को समाज में सम्मानित पदों पर कार्य करने का मौका मिलता है। विज्ञान में छात्रों के पास अपने करियर के लिए बहुत अच्छे विकल्प मौजूद है। छात्रों के पास आगे पढ़ने या तुरंत नौकरी के बहुत विकल्प है। जिसमें से छात्र अपनी रुचि और योग्यता अनुसार चुनाव कर सकते है। छात्रों को करियर और नौकरी की संभावनाओं के विषय में सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है।
बीएससी के बाद मास्टर्स ऑफ़ साइंस/ एमएससी
जिन छात्रों को पढ़ने में रुचि है, वो एमएससी कर सकते है। एमएससी एक स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का होता है। भारत के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज द्वारा यह पाठ्यक्रम कराया जाता है। एमएससी में छात्रों को सैद्धांतिक, वैज्ञानिक और गणितीय आदि विषयों का गहन अध्ययन कराया जाता है। एमएससी के बाद छात्र पीएचडी भी कर सकते है। पीएचडी पूरा करने के बाद छात्र आसानी से वैज्ञानिक या प्रोफेसर के पद पर कार्य कर सकता है।
मास्टर्स ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन/ एमबीए
बीएससी के बाद जो छात्र अपना करियर बिज़नेस मैनेजमेंट में बनाना चाहते है, वो एमबीए कर सकते है। एमबीए एक स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम है, जिसकी अवधी दो वर्ष की होती है। एमबीए करने के लिए छात्रों को सीएटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है। पवेश परीक्षा के अंको के अनुसार छात्र अपने कॉलेज का चयन कर सकते है। एमबीए पूरा करने के बाद छात्र किसी भी बढ़ी कंपनी में आसानी से नौकरी कर सकते है। मान्यता प्राप्त कॉलेज से एमबीए करने पर छात्रों को ज्यादा लाभ मिलता है। इसीसलिए कॉलेज का चयन करते समय सावधानी बरतें।
मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन/ एमसीए
अगर आप कप्यूटर के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है, तो आपके लिए एमसीए सबसे उपयुक्त पाठ्यक्रम है। यह एक स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम है, जिसकी अवधी तीन वर्ष होती है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को कम्प्यूटेशनल सिद्धांत, प्रोग्रामिंग, एल्गोरिथम डिजाइन और अनुकूलन, नेटवर्क और डेटाबेस प्रबंधन, मोबाइल प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि विषयों को पढ़ाया जाता है। एमसीए पूरा करने के बाद छात्र आसानी से सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर सलाहकार आदि में अपना करियर बना सकते है।
बैचलर ऑफ़ एजुकेशन/ बीएड/ बीटीसी
जिन छात्रों को आगे चलकर शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, वो बीएससी के बाद बीएड या बीटीसी कर सकते है। बीएड एक स्नातक पाठ्यक्रम है, जिसकी अवधी दो वर्ष की होती है। बीएड के पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। हालाँकि कुछ निजी विद्यालय मेरिट के अनुसार भी प्रवेश देते है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करके छात्र आसानी से शिक्षक की नौकरी कर सकते है।
बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी/ बीटेक
जो छात्र अभियांत्रिकी/ इंजीनियरिंग में रुचि रखते है, वो सभी बीटेक का विकल्प चुन सकते है। बीटेक एक स्नातक पाठ्यक्रम है, जिसकी अवधी चार वर्ष की होती है। परन्तु बीएससी करने के बाद छात्रों को सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिल जाता है। जिसकी वजह से बीएससी के छात्रों का बीटेक का पाठ्यक्रम तीन वर्ष में ही पूरा हो जाता है। ऐसे छात्रों की एक वर्ष की बचत हो जाती है। बीटेक करने के बाद छात्र अपनी रुचि अनुसार किसी निजी क्षेत्र की कंपनी में नौकरी या फिर सरकारी नौकरी की तैयारी कर सकते है।
पीजीडीएम
जिन छात्रों को मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, परन्तु वो एमबीए नहीं कर सकते। ऐसे छात्र एक वर्ष की अवधी का पीजीडीएम का पाठ्यक्रम कर सकते है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद छात्र मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत कर सकते है। बहुत से विश्वविद्यालय एवं संस्थान पीजीडीएम के पाठ्यक्रम आयोजित करते है। इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा भी देने की जरुरत नहीं होती है। आप अपनी पसंद के मान्यता प्राप्त संस्थान से इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते है। आवेदन से पहले विश्विद्यालयों द्वारा जरुरी योग्यता अनिवार्यता जरूर जान लें।
एलएलबी
कानूनी कार्यों में रुचि रखने वाले छात्र एलएलबी कर सकते है। एलएलबी तीन वर्ष का स्नातक पाठयक्रम है। एलएलबी का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आप वकालत में अपना करियर बना सकते है। संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT) की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करके आप राष्ट्रीय विधि विद्यालयों तथा विधि विश्वविद्यालयो के विभिन्न लॉ के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते है। इसके अलावा बहुत से विश्वविद्यालय अपनी अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करवाते है। छात्र अपनी योग्यता अनुसार कॉलेज का चयन करके, प्रवेश के लिए आवेदन कर सकता है।
एमए
जिन छात्रों को बीएससी करने के बाद लगता है उन्होंने गलत विकल्प चुन लिया है। उनको भी निराश होने की जरुरत नहीं है। ऐसे छात्र अपनी स्ट्रीम को बदल कर एमए कर सकते है। हालाँकि बीएससी के छात्रों के एमए के शोध और व्यवहारिकता से सम्बंधित विषयों में ही प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए सम्बंधित संस्थानों द्वारा निश्चित योग्यता अनिवार्यता जरूर जांच लें।
बीएससी के बाद सरकारी नौकरी में अवसर
बीएससी पूर्ण करने के बाद छात्र सरकारी नौकरी की तैयारी कर सकते है। सरकारी विभागों द्वारा समय समय पर स्नातक के छात्रों के लिए भर्तियां निकली जाती है। छात्र अपनी योग्यता अनुसार इन भर्तियों में भाग ले सकता है।
अबतक हमें आपको बीएससी के बाद उपलब्ध करियर विकल्पों के बारें में जानकारी दिया। हमें उम्मीद है की छात्रों को इससे जरुर मदद मिलेगी। इस लेख को पढ़ने के बाद छात्र आसानी से अपने करियर विकल्प को चुन सकेंगे। यदि इसके बाद भी आपको अपना करियर विकल्प चुनने में कठिनाई हो तो, आप करियर पेशेवर सलहाकार की सहायता ले सकते है।