बोर्ड परीक्षा की तैयारी छात्र जीवन में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम छात्र की योग्यता को दर्शाता है। छात्र अपने मनपसंद पाठ्यक्रम या करियर में प्रवेश पा सकेगा या नहीं इसका निर्धारण बोर्ड परीक्षा के परिणाम पर निर्भर करता है। बोर्ड परीक्षायें छात्र के सफल भविष्य की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
10वीं बोर्ड परीक्षा के बाद ही छात्र अपने करियर का चयन कर लेता है। परीक्षा के बाद छात्र अपने मनपसंद पाठ्यक्रम में प्रवेश पाकर आगे की पढाई जारी करता है या फिर व्यावसायिक पाठ्यक्रम का चयन करके करियर बनता है। दसवीं के बाद उपलब्ध करियर विकल्प के बारें में आप हमारे पिछले लेख से जानकारी प्राप्त कर सकते है।
12वीं बोर्ड परीक्षा के बाद छात्रों के पास परंपरागत और व्यावसायिक शिक्षा का विकल्प मौजूद रहता है। इसके अलावा 12वीं के बाद छात्र अल्पकालिक पेशेवर पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश लेकर अपना करियर बना सकता है। बारहवीं के बाद उपलब्ध करियर विकल्प की जानकारी आप हमारे पिछले लेख से प्राप्त कर सकते है।
10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे करें
बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के कारण छात्रों पर अच्छे प्रदर्शन के लिए बहुत दबाव रहता है। अधिक दबाव के चलते छात्र चिंता और तनाव में चले जाते है। जिसका सीधा असर उनके परिणाम पर पड़ता है। इस लेख में हमने बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए कुछ सुझाव दिए है। जिसका अनुसरण करके छात्र बिना तनाव में आए बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है।
बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी सही समय पर शुरू करें
छात्रों को अपनी क्षमता अनुसार तैयारी के लिए सही समय का निर्धारण खुद करना चाहिए। और अपनी तैयारी उसी के अनुसार शुरू कर देनी चाहिए। ऐसा करने से आप समय रहते सभी विषयों की उचित तैयारी कर पाएंगें। और अंत समय में आपके पास पाठ्यक्रम को दोहराने का पर्याप्त समय रहेगा।
बोर्ड परीक्षाओं के लिए समय सारिणी तैयार करें
अनियमित अध्ययन आपको बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में मदद नहीं कर सकता। इसके लिए छात्रों को अध्ययन के लिए एक निश्चित समय सारिणी तैयार करनी चाहिए। और फिर उसका कड़ाई से पालन करते हुए अपनी तैयारी करनी चाहिए।
कठिन और उच्च महत्त्व वाले विषयों से शुरुआत करें
छात्रों को चाहिए की वो अपने विषयों को कठिन, मध्यम और आसान के रूप में वर्गीकृत कर लें। ऐसा करने से वो कठिन विषयों से अपनी तैयारी शुरू कर सकते है। जिससे विषय में आने वाली कठिनाईओं का सही समय पर निस्तारण किया जा सके। इसके अलावा छात्रों को उच्च महत्त्व वाले विषयों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
विषय सम्बन्धी शंकाओं को दूर करें
यदि छात्र को किसी विषय के अनुभाग को समझने में कठिनाई हो रही हो, तो उसका तुरंत समाधान करना चाहिए। इसके लिए छात्र सम्बंधित विषय के शिक्षक की सहायता ले सकते है। छात्रों को अपनी शंकाओं के समाधान में विलम्ब नहीं करना चाहिए।
अध्याय लंघन करने से बचें
छात्रों को विषयों के अध्यायों को छोड़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से उन्हें बोर्ड परीक्षा में हानि हो सकती है क्यूंकि हो सकता है उस खंड से कोई प्रश्न पूछा गया हो। इसीलिए छात्रों को विषय के सभी खण्डों का एक सामान अध्ययन करना चाहिए।
एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ें
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का प्रश्न पत्र पूरी तरह से एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित होता है। इसलिए छात्रों को एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों का विस्तृत अध्ययन करना लाभकारी होता है। एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में प्रत्येक खंड के बाद अभ्यास प्रश्न दिए जाते है। छात्रों को इन प्रश्नों पर विशेष ध्यान देना चाहिए और उनका अभ्यास करते रहना चाहिए।
त्रुटियों और गति में सुधार करें
बोर्ड परीक्षाओं में गति और सटीकता का बहुत महत्त्व है। छात्रों को प्रश्न के उत्तर देने में होने वाली त्रुटियों को सुधारने के साथ-साथ प्रश्न हल करने की अपनी गति को भी सुधारते रहना चाहिए। ऐसा करने के लिए छात्र मॉक टेस्ट या टाइमर का उपयोग कर सकता है। नियमित ऐसा करने से छात्रों की लेखन गति में तेजी और त्रुटियों में कमी आती है।
स्वाध्याय के लिए पर्याप्त समय निकालें
विद्यालय, कोचिंग या समूह अध्ययन के बाद भी छात्रों को स्वाध्याय के लिए पर्याप्त समय निकालना चाहिए। ताकि सीखे गए विषयों का अभ्यास किया जा सके। ऐसा करने से छात्रों को विषयों को समझने और शंकाओं को अंकित करने में मदद मिलती है। जिसका लाभ उन्हें बोर्ड परीक्षा में मिलता है।
पिछले वर्षों के प्रश्नों का अभ्यास करें
सीबीएसई परीक्षा पैटर्न को समझने के लिए छात्रों को पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र को हल करना चाहिए। ऐसा करने से छात्रों को अपनी तैयारी के स्तर का पता चलता है और छात्र समय रहते अपनी कमियों को दूर कर सकते है।
सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्रों को हल करें
बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने से कुछ महीने पहले 10वीं और 12वीं कक्षा के सभी विषयों के लिए बोर्ड द्वारा नमूना प्रश्न पत्र जारी किया जाता है। छात्रों को अपनी तैयारी के साथ-साथ इन नमूना प्रश्न पत्रों को भी हल करते रहना चाहिए। इससे छात्रों को बोर्ड द्वारा जारी अंकन योजना को समझने में भी मदद मिलती है। साथ ही छात्र अपनी लेखन गति और सटीकता की जांच भी कर सकते है।
लम्बे उत्तर लिखने का अभ्यास करें
बोर्ड परीक्षा में कुछ प्रश्नों के उत्तर 500 या अधिक शब्दों में देना होता है। लम्बे प्रश्नों के उत्तर देने में बहुत से छात्रों को घबराहट होती है। ऐसे में छात्रों को लम्बे उत्तरों को लिखने के लिए विशेष रणनीति का उपयोग करना चाहिए जैसेकि उत्तर को अनुच्छेदों में तोडना, उपशीर्षकों का उपयोग करना और मुद्दे पर लिखना शामिल है।
पाठ्यक्रमों और अभ्यास पत्रों को कई बार दोहराएं
छात्रों को अपने अध्ययन समय शारिणी में विषयों को दोहराने के लिए भी कुछ समय निश्चित करना चाहिए। ऐसा करने से छात्रों को विषयों को याद करने में आसानी होती है। अभ्यास पत्रों को बार-बार हल करने से छात्रों की गति में सुधार होता है और उनके लेखन में सटीकता आती है। इससे छात्रों को समय रहते अपनी कमजोरी का पता चल पता है और छात्र उन क्षेत्रों में सुधार कर सकते है।
समय प्रबंधन पर ध्यान दें
छात्रों को अपने अध्ययन समय सारिणी का सख्ती से पालन करना चाहिए। ऐसा करने से छात्र निर्धारित समय में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है। और अंत समय में विषयों को दोहराने के लिए पर्याप्त समय मिल पाता है। इसीलिए छात्रों को अपने समय का बुद्धिमत्ता से उपयोग करना चाहिए।
मनोरंजन और खेलकूद के लिए समय निकालें
छात्रों को लगातार लम्बे समय तक अध्ययन करने से बचना चाहिए। इसके बजाय छात्र प्रत्येक १ से २ घण्टे बाद नियमित अंतराल लें। छात्र अंतराल के समय का उपयोग मनोरंजन या खेलकूद के लिए कर सकते है। ऐसा करने से छात्र खुद को फिर से ऊर्जावान महसूस करते है। मनोरजन और खेलकूद से छात्रों को अपने मस्तिष्क को केंद्रित और सतर्क रखने में मदद मिलती है। इसीलिए छात्रों को अपनी समय सारिणी में मनोरंजन के लिए समय निकालना चाहिए।
बोर्ड परीक्षा के डर को दूर भगाएं
ऐसा अक्सर देखा गया है कि छात्र बोर्ड परीक्षा के नाम से डरते है। ऐसी स्थिति में छात्रों के अंदर चिंता और तनाव उत्पन्न हो जाता है जिसका असर उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों पर पड़ता है। इसलिए छात्रों को तनाव मुक्त होकर शांत दिमाग से अपनी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए। छात्रों को अपना सर्वोत्तम देने की कोशिश करनी चाहिए, परिणाम अपने आप अच्छा आएगा।
बोर्ड परीक्षा परिदृश्य को दोहराएं
छात्रों को परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ बोर्ड परीक्षा के वास्तविक परिदृश्य को भी दोहराना चाहिए। ऐसा करने के लिए छात्र सीबीएससी द्वारा जारी नमूना प्रश्न पत्रों का उपयोग कर सकते है। टाइमर का उपयोग करके छात्रों को इन अभ्यास पत्रों को निर्धारित ३ घंटे के समय में हल करना चाहिए। ये प्रक्रिया छात्रों को बार-बार दोहरानी चाहिए। इस्सके छात्रों को वास्तविक परीक्षा के दौरान समय नियोजन में मदद मिलती है।
बोर्ड परीक्षा को ठीक से लिखें
सभी छात्र बोर्ड परीक्षा की कठिन तैयारी करते है। आपकी यह तैयारी अपनी उत्तर पुस्तिका में भी दिखनी चाहिए। इसके लिए छात्रों को अपने उत्तर तो सर्वोत्तम तरीके से और सटीकता के साथ लिखना चाहिए। इस दौरान छात्रों को अपनी लिखावट का भी ध्यान रखना चाहिए। गन्दी लिखावट से उत्तर नहीं लिखना चाहिए। छात्रों को उत्तर लिखने के लिए अभ्यास किए गए तकनीकों का ही उपयोग करना चाहिए। बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। छात्रों की इस समय का सदुपयोग करते हुए प्रश्नों को हल करने की वरीयता के अनुसार चिन्हित कर लेना चाहिए।
बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद प्रश्न पत्र की समीक्षा न करें
छात्रों को बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रश्न पत्र की समीक्षा करने से बचना चाहिए। क्यूंकि ऐसा संभव है की किसी प्रश्न पर आपकी और आपके मित्र के विचार अलग-अलग हों। ऐसे में मित्रों के बीच अनावश्यक बहस हो सकती है और आप मानसिक अशांति का शिकार हो सकते है। जिसका असर आपकी आने वाली परीक्षाओं पर पड़ सकता है। इसीलिए बोर्ड परीक्षाओं की समीक्षा सभी परीक्षाएं समाप्त हो जाने के बाद ही करनी चाहिए।
निष्कर्ष
बोर्ड परीक्षा को अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करना सभी छात्रों का लक्ष्य होता है। बोर्ड में सफलता का कोई लिखित सूत्र नहीं है। छात्र अपनी लगन, कठिन परिश्रम और अनुशासन से ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा छात्रों का तैयारी के दौरान और परीक्षा के समय स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है। इसके लिए छात्रों को पौष्टिक आहार के साथ उचित नींद लेनी चाहिए। छात्रों को अपनी एकाग्रता और मानसिक संतुलन बनाने के लिए नियमित योग या व्यायाम करना चाहिए।
अगर छात्र उपरोक्त बिंदुओं का ध्यान रखते हुए अपनी तैयारी करता है तो निश्चित ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। संक्षेप में छात्रों को सफलता के लिए एक निश्चित अध्ययन योजना बनाकर समयानुसार अनुशासित होकर तैयारी करनी चाहिए।