black fungus disease

ब्लैक फंगस के लक्षण और उपचार – जानकारी ही बचाव

अभी तक हम COVID-19 महामारी का सफलता पूर्वक सामना करना शुरू ही किया था की ब्लैक फंगस (Mucormycosis) नामक एक और भयानक बीमारी ने अपने फन फैलाने शुरू कर दिए है। विशेषज्ञों का मानना है की ये बीमारी COVID-19 से ठीक हुए लोगों और कुछ खास बीमारी से ग्रसित लोगों को ही अपना शिकार बना रही है। इससे पहले की ये बीमारी एक महामारी का रूप ले लें, हमें सचेत हो जाना चाहिए। आज के इस महामारी के दौर में जानकारी ही बचाव का सबसे उत्तम उपाय है। आइयें हम ब्लैक फंगस संक्रमण के कारणों से लेकर उपचार तक, आपको विस्तार में जानकारी देतें है।  

१. ब्लैक फंगस (Black Fungus) संक्रमण क्या है ?

विशेषज्ञों की मानें तो ब्लैक फंगस (Mucormycosis) संक्रमण उन मरीजों में ज्यादा देखने को मिल रहा है जो COVID-19 संक्रमण से ठीक हो चुके है या फिर जिनका अभी इलाज चालू है। COVID-19 संक्रमण से ग्रस्त मरीज जिनको आईसीयू में ऑक्सीजन थेरेपी, जिसमें ह्यूमिडिफायर का उपयोग किया जाता है, जिससे मरीज नमी के संपर्क में आने के कारण उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसका मुख्या कारण ह्यूमिडिफायर में इस्तेमाल होने वाले पानी का जीवाणुरहित नहीं होना बताया जाता है। 

इतना ही नहीं, ये संक्रमण उन लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, जिन्होंने बहुत अधिक स्टेरॉइड्स का सेवन किया हो, या फिर वो लोग जो मधुमेह की बीमारी से पीड़ित हो।

स्ट्रांग इम्युनिटी वाले लोग इस संक्रमण से अभी तक सुरक्षित है। भारत के विभिन्न राज्य इस भयंकर बीमारी के चपेट में आ चुके है जिनमें मुख्य है मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजश्थान आदि। यहाँ तक की राजस्थान और बिहार ने ब्लैक फंगस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है।

२. ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण – Symptoms of Black Fungus?

ब्लैक फंगस के संक्रमित लोगों में जो मुख्या लक्षण देखने में आया है उसमें सीने में दर्द, खांसी के साथ खून आना, सांस लेने में समस्या, नाक और जीभ के रंग का फीका पड़ना, आँखों का लाल होना, दृष्टि का धुंधला पन, सरदर्द, उल्टी होना, खांसी, बुखार और मुँह के अंदर काला घाव होना आदि शामिल है। अगर आपको या आपके परिवार या परिचितों में किसी में भी ऐसे लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें, जिससे संक्रमण का सही समय पर इलाज हो सके।

३. ब्लैक फंगस संक्रमण के उपचार – Possible treatment for Black Fungus.

ब्लैक फंगस संक्रमण का उपचार किसी आम फंगल इन्फेक्शन की तरह नहीं होता है। आमफोटेरिकिन-बी इंजेक्शन इस संक्रमण में रामबाड की तरह काम करता है।  ब्लैक फंगस संक्रमण के संक्रमित व्यक्ति को ईएनटी विशेषज्ञ, आंख विशेषज्ञ और नुएरो सर्जन की गहन देखरेख में रखा जाता है जो निरंतर संक्रमित व्यक्ति की जाँच करते हैं।

मरीज की हालत ख़राब होने पर उसको इंटरवेनोस एंटी-फंगल ट्रीटमेंट, जोकि पांच से सात हफ्ते तक चल सकता है, भी दिया जाता है। फंगल संक्रमण के ज्यादा बढ़ जाने पर संक्रमित टिश्यू को काट करके निकलना पड़ता है जिससे कई बार मरीज को अपनी आंखे या ऊपरी जबड़ा आदि खोना पड़ता है।  इसीलिए ये बहुत जरुरी हो जाता है की आप ख्याल रखे और किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

४.  ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने के उपाय?

ब्लैक फंगल संक्रमण से बचने के लिए आपको बहुत ही सचेत रहने की जरुरत है। डायबिटिक लोगों को जरुरी है की वो अपना ब्लड शुगर लेवल को कण्ट्रोल में रखे और नियमित जांच करते रहे।  COVID-19 संक्रमण से ठीक हुए लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग बहुत जरुरी है। COVID-19 संक्रमित व्यक्ति को अगर ऑक्सीजन देना पड़े तो ह्यूमिडिफायर में साफ़ और जीवाणुरहित पानी का इस्तेमाल करें। डॉक्टर की सलाह लिए बिना कोई भी स्टेरॉइड्स या एंटी फंगल दवाओं का सेवन न करें। अपने फेस मास्क को नियमित तौर पर धुलते रहे।  COVID-19 संक्रमण के उपरांत अगर बंद नाक या जुखाम की शिखायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।  पौष्टिक आहार का सेवान करें जिससे आपकी इम्युनिटी स्ट्रांग बानी रहे। 

५. स्तिथि कितनी भयवाह है ?

ब्लैक फंगस संक्रमण में मृत्यु दर बहुत अधिक है तकरीबन ८०% या उससे भी ज्यादा। अगर संक्रमित व्यक्ति को सही समय पर जरुरी मेडिकल सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाती तो उसके बचने की संभावना बहुत काम हो जाती है।  इसीलिए ये बहुत जरुरी हो जाता है की जैसे ही आपको ब्लैक फंगल इन्फेक्शन के लक्षण दिखे या फिर शक हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ले और जरुरी जांच कराएं।  ब्लैक फंगल संक्रमण का सही समय पर पता चल जाने पर मरीज को आसानी से बचाया जा सकता है परन्तु अगर थोड़ा भी देर किया गया तो बचने की संभावना ५०% तक काम हो जाती है।

६.  क्या करें क्या न करें

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने भी ब्लैक फंगल संक्रमण के लिए दिशा निर्देश जारी किये है जिनका पालन करने से हम इस बीमारी से खुद को बचा सकते और यदि संक्रमण से ग्रषित भी हो जाते है तो समय से इलाज कराके ठीक हो सकते है। AIIMS के निर्देशों के अनुसार हमें अपने चहरे का लगातार निरिक्षण करना चाहिए जैसे की चहरे पर कोई सूजन न हो, किसी भाग को छूने से दर्द तो नहीं हो रहा हो, आपकी आँख, नाक और गाल कर किसी प्रकार की सूजन तो नहीं है। इसके अलावा आपके मुँह में सूजन, कालापन या फिर दांतो में दर्द तो नहीं है।  ऐसी किसी भी स्थिति के होने पर आप ब्लैक फंगस संक्रमण से  ग्रषित हो सकते है। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से जरुरी जांच कराएं जिससे समय रहते आपका इलाज हो सके।  

आज हम सब एक कठिन दौर से गुजर रहे है, ऐसे में हम सब की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम सरकार द्वारा जारी की गई दिशा निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित रहे। लॉक डाउन का पालन करें, अनावश्यक रूप से बहार न घूमे, बहुत जरुरी होने पर ही बाहर निकलें, फेस मास्क और सांइटिसेर का नियमित प्रयोग करें, दो गज की दुरी बनाये रखे। पौष्टिक आहार ले और अनावश्यक दवांए न लें, जरुरी होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करके के ही दवाई लें। खुद भी  इन निर्देशों का पालन करें और अपनों को भी ऐसा करने की सलाह दें।  COVID-19 महासंक्रमण के दौर में जब अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की कमी है तो हमें और सावधान रहने की जरुरत है।

COVID-19 या ब्लैक फंगस संक्रमण के कोई लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वस्थ केंद्र पर जाये। वहां अपनी जांच कराएं जिससे सही समय पर आपका इलाज हो सके और आपके परिवार के बाकि लोगों को इस संक्रमण से बचाया जा सके।

सावधान रहें, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।    

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